झिर मीर झिर मीर रे रामू प्यारा,झिर मीर झिर मीर रे रामू प्यारा,
मेह पड़े जी कोई, चणना भिजे द्वार।
एक बार मुखसे रे रामू प्यारा,बोल दो जी।
आभे चिमके ये चणना, बिजली जी कोई,बिजली जी कोई,घनी पड़े बरसात।
थारो तो आवाँन ये कोई ,चणना क्यू हूयओ जी।
म्हारे घर आया रे रामू प्यारा, पावना जी कोई,पावना जी कोई,ले जसी पर भर।
अब तक का बिछुडा रे ,के बेरो कद मिला जी।
ढकियो तो परसो रे,ढकियो तो परसो रे, रामू प्यारा खोल दो जी कोई,खोल दो जी कोई,
खोलो सजद किवाड़। आगल खोल दो,की धरती पोढसी ।
ढकियो तो पड़सो ये चनना, ना खोले जी कोई,ना खोले जी कोई,तित आवे तित जा,
सेज़ा में सूती एक, नाज़ुक गोरडी जी।
कोया रो काजल रे, रामू प्यारा, घुल रहयो जी कोई,घुल रहयो जी कोई, बिंदली झोला खाय,
काजल की कोर ये, रामू प्यारा थे बनो जी।
हाथा री मेहंदी रे,हाथा री मेहंदी रे, रामू प्यारा, हद रची जी कोई,हद रची जी कोई,
हिवडो हिलोला खाए,हिवडो हिलोला खाए,
निहे सतावे रे , आगल खोल दोजी।
ढकियो तो परसो रे, चनना, ना खुले जी कोई, ना खुले जी कोई, डोध्या में सुत्यो बलबीर, आंगन में सूती है, म्हारी मावडी जी।
बालपने की रे, रामू प्यारा ,दोस्ती जी कोई, दोस्ती जी कोई, महासु तोड़ी ना जाय।छाती मेरी फाटे रे, रामू प्यारा जी जले जी।
करडी छाती रे,करडी छाती रे,रामू प्यारा, तूं भयो जी कोई,तूं भयो जी कोई, बज्र छाती की तेरी मां, भलो तो पढ़ायो हो, अपने पुत ने जी।
इतनो तो सुनता ही रामू , उठ गयो जी कोई,उठ गयो जी कोई, खोल्या सजल किवाड़,आगल खोली जी,घर की पोल की जी।
रामू चनना जी दोनयूं रल मिलया जी कोई,गले मिलया जी कोई, टप टप टपके नैन,आंसू गेर जी हरियल मोर चुन्नी।
आंसू पोंछ्या जी,आंसू पोंछ्या जी,कोई पगड़ी रे पेंच से जी कोई,पेंच से जी कोई, लीनि हिवडे लगाए, मनडा की बाता जी,चनना थे कहो।
ये कुदरत का रे, रामू प्यारा, लेखना जी कोई,लेखना जी कोई, मिल्बो बिछड़बो होय,प्रीत अनूठी रे, रामु प्यारा अमर रहे जी।
जन्म जन्म की ये चनना, प्रीत है या, प्रीत है या, जुग जुग को है साथ,प्रीत अनूठी रे, चनना अमर रहे जी।प्रीत अनूठी रे, रामु प्यारा अमर रहे जी।प्रीत अनूठी रे, चनना अमर रहे जी।