धन घड़ी घन भाग शुभ री घड़ी है।
Category: jachha geet
कठे स्यूं आई दाई, कठे स्यूं आयो नाई,
मांगे मांगे ननद रानी कंगना लल्ला के हुवे।
में मायके लाल जनाऊंगी तुम देखते रहियो।
बाज रही जी बाज रही, सोन्या घर थाली बाज रही
सुणो लाडलड़ री दादी, पतासा देदेना।
थार पोता की सुन के मै आई, दादीजी म्हान देवो बधाई
म्हारे आंगन खुशियां पाई, म्हारे जन्म्यो आज कन्हाई
गीगा झूले पलना, जच्चा देखे ललना, लाला मेरा गोरा रे
सोना रो सुरज उग्यो जी म्हारै आंगणे
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