दारू दाखा री म्हारे छैल भंवर ने थोड़ी थोड़ी दीज्यो ये
Category: Holi geet
उमराव थारी बोली प्यारी लागे म्हारा राज
उमराव थारो पिचरंग पेचों भीजे म्हारा राज
तावड़ा मंदो पड़ ज्या रे,
ठंडी ठंडी राता पिया धोली धोली चांदनी।
गणगौरयां आले मेले पहल्यां आया रहिजो जी।
म्हारा छैल भंवर चितचोर, मारे मनडे रा मोर
कर सोलह सिंगार नैना तीखो कजरो घाल,
एजी गवांग बिचाले पीपली कलालन हिंडो घाल्यो सा
गोरी म्हारी डागलिये पे चालो आज।
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