तर्ज,अपने पिया की में तो
ठंडी ठंडी राता पिया धोली धोली चांदनी। पवन चले पुरवाई जी, ओ पुरवाई जी,पिया जौऊं थारी बाटडली।
मन में नाचे मोर पिया बागा में पपैयो रे। मनडो हर्साव म्हारो घर आसी पियो रे।बागा में कोयलडी गरनायी जी,पिया जौऊं थारी बाटडली।
ठंडी ठंडी राता पिया धोली धोली चांदनी। पवन चले पुरवाई जी, ओ पुरवाई जी,पिया जौऊं थारी बाटडली।
बाजे बाजे ढोल और चंग को धमीडो रे। गिंदड़ घाल जोर को म्हारो पाडोसी खातीडो रे।हो बासूरी की तान मन भाई जी,पिया जौऊं थारी बाटडली।
ठंडी ठंडी राता पिया धोली धोली चांदनी। पवन चले पुरवाई जी, ओ पुरवाई जी,पिया जौऊं थारी बाटडली।
लहंगे ऊपर मार दीनी भर पिचकारी रे। मनडो म्हारो मोह लियो देवारियो अनाड़ी रे। चुनडी की आभ गंवाई जी,पिया जौऊं थारी बाटडली।
ठंडी ठंडी राता पिया धोली धोली चांदनी। पवन चले पुरवाई जी, ओ पुरवाई जी,पिया जौऊं थारी बाटडली।