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Holi geet

Tawda mando padja re,तावड़ा मंदो पड़ ज्या रे,

तावड़ा मंदो पड़ ज्या रे,

तावड़ा मंदो पड़ ज्या रे,
सूरज बादल में बड़ जा रे,
म्हारी चंनणा चमेली मुरझाय,
किरण बादळ में छिप ज्या रै,
तावड़ा मंदो पड़ ज्या रे,
सूरज बादल में बड़ जा रे,



जे म्हारी चंनणा बने बादळी,
मैं पंछी बण जाऊँ,
चंनणा मैं पंछी बण जाऊँ,
पंछी बणकर फर फर उड़तों,
पंछी बणकर फर फर उड़तों,
बादळ में रम जाऊँ,
तावड़ा मंदो पड़ ज्या रे,
सूरज बादल में बड़ जा रे,
म्हारी चंनणा चमेली मुरझाय,
किरण बादळ में छिप ज्या रै,
तावड़ा मंदो पड़ ज्या रे।



जे म्हारो रामू बने समंदर,
म्हे लहरां बण जाऊँ,
ओ रामुड़ा, म्हे लहरां बण जाऊँ,
लहर लहर पर समुन्दरिये पर,
लहर लहर पर समुन्दरिये पर,
प्रीतड़ली छलकाऊँ,
रामू को नाजुक जीव,
किरण बादल में छिप जा रे,
तावड़ा मंदो पड़ ज्या रे।



छै छल्ला छै मुंदडी,
जी कोई छल्ला भरी परात,
एक रामू के कारणे,
म्हे छोड्या मायड़ बाप,
रामू को नाजुक जीव,
किरण बादल में छिप जा रे,
तावड़ा मंदो पड़ ज्या रे।



डूंगर ऊपर डूंगरी,
जी कोई डूंगर ऊपर कैर,
ओ रामुड़ा डूंगर ऊपर कैर,
प्रीत लगाकर छोड़ गया क्यों,
कद को काड़्यो बैर,
तावड़ा मंदो पड़ ज्या रे,
सूरज बादल में बड़ जा रे,
म्हारी चंनणा चमेली मुरझाय,
किरण बादळ में छिप ज्या रै,
तावड़ा मंदो पड़ ज्या रे।

तावड़ा मंदो पड़ ज्या रे,
सूरज बादल में बड़ जा रे,
म्हारी चंनणा चमेली मुरझाय,
किरण बादळ में छिप ज्या रै,
तावड़ा मंदो पड़ ज्या रे,
सूरज बादल में बड़ जा रे,

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