म्हारी प्यारी गवरजा आईज्यो।
Category: gangor geet
आ तो एक साल स्यु आवे, सोलह दिन तक रह जावे
गवरजा ईशर हठीलो उभो बाग में
म्हारी गवरल फुल गुलाब, ईशर को रंग केसरिया,
मिसरी सु मीठी गवरा म्हारी, देवे सबने आशीष मां।
म्हारी बहु ये महलांस उतरी, बहु कर सोलह सिनगार, आज म्हारी अमली फल लीजो।
आम्मू जी पाक्या नीम्बू वो फल लाग्या
पिलो ओढ़ पोम्चो ओढ्यो,कर सिंगार मंडाई जी या मेहंदी।
गौरा मैया जी दे रही सुहाग चलो सखी लेने चले।गौरा मैया जी दे रही सुहाग चलो सखी लेने चले। गौरा के माथे पर टीका सोहेगौरा के माथे पर टीका सोहे,और बिंदिया है लालम लाल चलो सखी लेने चले।गौरा मैया जी दे रही सुहाग चलो सखी लेने चले।गौरा मैया जी दे रही सुहाग चलो सखी लेने […]
ईश्वर दास जी के सोहे पीली पागड़ी ये मां,
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