तर्ज,धरती धोरा री
आ तो एक साल स्यु आवे, सोलह दिन तक रह जावे,दुनिया बड़े प्रेम सु ध्यावे, गवरल प्यारी हो, हो गवरल प्यारी हो।
इसके शीश पे टिका सोहे, रखडी पे भी मनडा मोहे।पहने सबका जी ललचावे,गवरल प्यारी हो, हो गवरल प्यारी हो।
इसके कानोमे कुण्डल सोहे, झुमके पर भी मनडा मोहे। पहने सबका जी ललचावे,गवरल प्यारी हो, हो गवरल प्यारी हो।
इसके तन पे साडी सोहे, चुनडी पर मनडा मोहे।
पहने सबका जी ललचावे,गवरल प्यारी हो, हो गवरल प्यारी हो।
ये तो रोज नए नित गहने,देखो बदल बदल कर पहने,अब तो इसके भी क्या कहने,गवरल प्यारी हो, हो गवरल प्यारी हो।
आ तो एक साल स्यु आवे, सोलह दिन तक रह जावे,दुनिया बड़े प्रेम सु ध्यावे, गवरल प्यारी हो, हो गवरल प्यारी हो।