बहना मेरी कलयुग आ गयो घोर,
धर्म धरती में समाए गयो रे।
Category: विविध भजन
मीरा के गिरधर तुलसी के राम
सुरता को करनो है ब्याव,
भजन बिना कैसे तरियो,
इस काया की कोठरी में रंग भर लो।
म्हारा भंवरा रे ,
जोवे जमीं पर पगला धरणा ।
भेरु थारे शिशोदा में बाजे ढोल,
रमतो रमतो आवजे,
आज रत्नो दे वेहड़े आया कौन,
रत्नो नु वाजा मारदा,
फस गयो माकड़ी का झाला में।
आया मोर दी सवारी करके
पौनाहारी जोगी हो गया।
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