होली का बड़ा त्यौहार बरसन दे रंग गुलाबी ने।
Category: विविध भजन
सारो नगर भीज रहयो रंग में
हथेली रो दीवलो चिटुलीरी बात
हे री मने एक जन्या नंदलाल,ननद मत फूके होली में।
ईश्वर एक ही तो है पूजा अलग-अलग होती है।
हम सब मिलके आए दाता तेरे दरबार
म्हारी झोपड़ी बना दे भगवान किनारों काशी रो। काशी रे किनारे मारी गंगा जमुना। स्नान करूं सुबह शाम,किनारों काशी रो।म्हारी झोपड़ी बना दे भगवान किनारों काशी रो। काशी रे किनारे म्हारो तुलसी रो क्यारो।में तो दीपक करूं सुबह शाम,किनारों काशी रो।म्हारी झोपड़ी बना दे भगवान किनारों काशी रो। काशी रे किनारे म्हारा गुरु सा बिराजे।में […]
दुनिया में चलती देखी हैं,
मैंने दो सरकार हैं,
हरी नाम की बीके मिठाई, बिक रही बिना रुपैया में, खा लेओ ब्रज की नगरिया में।
छैल चतुर रंग रसिया रे भवरा,
पर घर प्रीत मत कीजै,
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