थारा उड़ गया केश काला रे डोकरिया ,
अब कद फेरेला तूं माला।
Category: विविध भजन
हो से नारी लक्ष्मी घर की दिल में कदर जरूरी से।
वा ही दिन की खबरिया,
करो रे बन्दे,
सोइ रसना, जो हरि-गुन गावै।
कैसी आ रही बहार सत्संग में
हमरी अटरीया पे आजा रे सांवरिया,देखा देखी तनिक होय जाय
राम रस बरस्यो री आज म्हारे आंगन में,
जो मन में प्रेम की ज्योति जला दोगे तो क्या होगा
हरि का नाम अमृत है हमें पीना नहीं आता।
में हु पूर्ण ब्रह्मा अनादि
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