जो मन में प्रेम की ज्योति जला दोगे तो क्या होगा। मुझे भवसागर के भव से बचा लोगे तो क्या होगा।
यह धरती क्यों बनाई है यह अंबर क्यों बनाया है।यह धरती क्यों बनाई है यह अंबर क्यों बनाया है। यह दुनिया क्यों बनाई है बता दोगे तो क्या होगा।मुझे भवसागर के भव से बचा लोगे तो क्या होगा।
जो मन में प्रेम की ज्योति जला दोगे तो क्या होगा। मुझे भवसागर के भव से बचा लोगे तो क्या होगा।
यह धरती रहने के लिए यह अंबर तारों के लिए। यह धरती रहने के लिए यह अंबर तारों के लिए। यह दुनिया मतलब के लिए बता दोगे तो क्या होगा। मुझे भवसागर के भव से बचा लोगे तो क्या होगा।
जो मन में प्रेम की ज्योति जला दोगे तो क्या होगा। मुझे भवसागर के भव से बचा लोगे तो क्या होगा।
यह माता क्यों बनाई है यह बेटा क्यों बनाया है।यह माता क्यों बनाई है यह बेटा क्यों बनाया है। यह बेटी क्यों बनाई है बता दोगे तो क्या होगा। मुझे भवसागर के भव से बचा लोगे तो क्या होगा।
जो मन में प्रेम की ज्योति जला दोगे तो क्या होगा। मुझे भवसागर के भव से बचा लोगे तो क्या होगा।
यह माता ममता के लिए यह बेटा सेवा के लिए। यह माता ममता के लिए यह बेटा सेवा के लिए। यह बेटी दान के लिए बता दोगे तो क्या होगा। मुझे भवसागर के भव से बचा लोगे तो क्या होगा।
जो मन में प्रेम की ज्योति जला दोगे तो क्या होगा। मुझे भवसागर के भव से बचा लोगे तो क्या होगा।
यह गंगा क्यों बनाई है यह जमुना क्यों बनाई है।यह गंगा क्यों बनाई है यह जमुना क्यों बनाई है। यह सागर क्यों बनाया है बता दोगे तो क्या होगा।मुझे भवसागर के भव से बचा लोगे तो क्या होगा।
जो मन में प्रेम की ज्योति जला दोगे तो क्या होगा। मुझे भवसागर के भव से बचा लोगे तो क्या होगा।
ये गंगा नहाने के लिए जमुना पीने के लिए। ये गंगा नहाने के लिए जमुना पीने के लिए।ये सागर बहने के लिए, बता दोगे तो क्या होगा। मुझे भवसागर के भव से बचा लोगे तो क्या होगा।
जो मन में प्रेम की ज्योति जला दोगे तो क्या होगा। मुझे भवसागर के भव से बचा लोगे तो क्या होगा।