बस बात जरासी, होसी लिखी रे तकदीर
Category: विविध भजन
झीनों झिणों कजलो,सार ले सुहागण,
वो मन कहां से लाऊं तेरी भक्ति में जो मन लगे।
मैया मैने दो दो कुल अपनाए
धुके रे मसाण ,
कर लेवो निज साय।
हर बार मांगने आते हो, कभी मिलने प्रभु से आया करो
बोल मेरी रसना हरि हरि
जिसके जीवन मैं मिला सत्संग है
भजन करो श्री राम का सहारा मिलेगा
अरे वाह रे जमाना घण चकरी
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