अबको जनम तेरो आगलो जनम दोनूं जनम सुधरतो
Category: विविध भजन
हँस हँस मिठा जग मे बोलाना ए,
आज सखी ऐ पियो सनमुख पायौ।।
नर छोड़ दे कपट के जाल, बताऊँ तनै तिरणे की तदबीर ॥
सुन सुन रे म्हारा लोभी रे मनवा हरि को भजन थाने नहीं भावे
आज रो आनन्द सजनी,कैसे कहूँ बताय रे।
उठ मेरे मनवा राम सुमर ले बित्यो जाय जमारों रे
अंत बुढ़ापो आया सरसी सदा जवानी रह नाही
पेटी ढोलक्यां पे नाचे कालो नाग तेजाजी थारे भजना में।
जिसका साथी है भगवान
उसको क्या रोकेगा आँधी और तूफ़ान।
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