आदत बुरी सुधार लो बस हो गया भजन
Category: विविध भजन
भरोसा कर करके पछताई।भरोसा कर करके पछताई।
थोड़ा राम ने भजो हे मारी जीभ जड़ी।
हरि कीर्तन से दिल ना चुराना, इस जीवन का क्या है ठिकाना।
कदे सेवा करीना मां-बाप की, कद बोले ना मीठे बोल, क्यों कर मिल जा राम जी।
जो लेख लिखे हैं कर्मो में
उसके आगे कोई नहीं
यही है लक्ष्य हर बुजुर्ग का मान होना चाहिए
तोरा मन दर्पण कहलाये ,
माँ बापा की सेवा करले, मत बण दास लुगाई को।
साई के दरबार में जा भाई, लम्बा खड़ा खजूर
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