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विविध भजन

Tora man darpan kahlaye,तोरा मन दर्पण कहलाये ,

तोरा मन दर्पण कहलाये ,

तोरा मन दर्पण कहलाये – २ भले बुरे सारे कर्मों को, देखे और दिखाये तोरा मन दर्पण कहलाये,



मन ही देवता, मन ही ईश्वर, मन से बड़ा न कोय मन उजियारा जब जब फैले, जग उजियारा होय इस उजले दर्पण पे प्राणी, धूल न जमने पाये तोरा मन दर्पण कहलाये ,तोरा मन दर्पण कहलाये ,



सुख की कलियाँ, दुख के कांटे, मन सबका आधार मन से कोई बात छुपे ना, मन के नैन हज़ार जग से चाहे भाग लो कोई, मन से भाग न पाये। तोरा मन दर्पण कहलाये ,तोरा मन दर्पण कहलाये ,

तोरा मन दर्पण कहलाये – २ भले बुरे सारे कर्मों को, देखे और दिखाये तोरा मन दर्पण कहलाये,

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