छोड़ो छोड़ो यह घर का झमेला, चलो अयोध्या में लग गया मेला।
Category: विविध भजन
एक सच्चे सतगुरु ज्ञान बिना,दुनिया में अपना कोई नहीं,
किसी का रहा नहीं अभिमान।
भाया मिनख जमारो अनमोल बाता थारी रह जासी।
रे मन ये दो दिन का मेला रहेगा,
बजाओ राम नाम की ताली।
बजाओ दोनों हाथ उठा के ताली राम नाम की जी।
हा रे आखिर मरणो रे
आराम के क्या क्या साथी थे जब वक्त पडा तब कोई नहीं
मैं म्हारा राम जी ने कदई न भूलूं, कदई न भूलूं ,चाहे जन्म दुख पायो जी।
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