भगतो के खातिर हुआ प्रभु अवतार,
Category: विविध भजन
चारे पासे धूम मची है खुशिया दा वेला है
कलयुग दे विच आ गया, इक छोटा जेया नाथ,
बेटी अंगना की फुलवारी है, मत मारे मात गर्भ में,
ना मैं सोनी ना गुन पल्ली ना कोई सुनावल कमाए,
हाय रे तेरी एक ना चलेगी छोड़ दे घमंड प्यारे छोड़ दे,
आज उलझन में उलझी है दुनिया,
कोई समझाने वाला नहीं है,
अबला री आ विणती, सुणजो रे पिवजी मारा।
इस जग में मानव तन, मुश्किल से मिलता है,
कुंडलपुर में त्रिशला माता ने, ललना जाया है
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