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विविध भजन

Abla ri aa vinti sunjyo re piwaji mhara,अबला री आ विणती, सुणजो रे पिवजी मारा

अबला री आ विणती, सुणजो रे पिवजी मारा।

अबला री आ विणती, सुणजो रे पिवजी मारा। औ छोड़ गया मने इण जिंदगी में, अब मारो कुण होसी औ, अबला री आ विनती।



देवर जेठ मने गाली काढे, चाचु मैणा देवे ओ, जब याद करू थाने, आख सु आसु आवे औ, अबला री आ विनती।।

अबला री आ विणती, सुणजो रे पिवजी मारा। औ छोड़ गया मने इण जिंदगी में, अब मारो कुण होसी औ, अबला री आ विनती।



ओम प्रकाश गावे ओ, सुणावे विदवा पिड़ा आपरी, आख सु आसु आवै औ, अबला री आ विनती।।

अबला री आ विणती, सुणजो रे पिवजी मारा। औ छोड़ गया मने इण जिंदगी में, अब मारो कुण होसी औ, अबला री आ विनती।

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