इस काया का भेद, गुरु बिन कोई नहीं पाया है।
Category: गुरु भजन लिरिक्स guru bhajan lyrics
सतगुरु दे दो मुझको ज्ञान पार मोहे कैसे तारोगे
है सारे जग में यह आला, मेरा सतगुरु निराला।
भटक्या से राम मिले कोनी, गुरु बिना ज्ञान मिले कोनी..
गुरु मारा पारस पवन सु ही झिणा
सदगुरु मैं तेरी पतंग बाबा मैं तेरी पतंग हवा विच उड़ती जावांगी
गुरू आएंगे सखी री गुरु आएंगे
दरबार में सतगुरु के क्या भाग्य पाया है। देखे नहीं गुण अवगुण हमें अपना बनाया है।
मेरे गुरां ने लगाई फुलवारी,
के पत्ता पत्ता राम बोलदा,
जिन्ह सद्गुरु मिल जाए,
तिन भगवान मिलो न मिलो।
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