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गुरु भजन लिरिक्स guru bhajan lyrics

Is Kaya ka bhed guru bin koi nahi paya hai,इस काया का भेद गुरु बिन कोई नहीं पाया है,guru bhajan

इस काया का भेद, गुरु बिन कोई नहीं पाया है।



इस काया का भेद, गुरु बिन कोई नहीं पाया है।
गुरु बिन कोई नहीं पाया है। कोई नहीं पाया है

सूर्य चन्द्रमा गण और तारे, ये भी आया है। धरण गगन पवना और पानी, अधर ठहराया है। इस काया का भेद, गुरु बिन कोई नहीं पाया है।



आप निरंजन अंदर बाहर, जगत रचाया है। समृद्ध होय सकल में व्यापक, नजर नहीं आया है। इस काया का भेद, गुरु बिन कोई नहीं पाया है।

इस काया का भेद, गुरु बिन कोई नहीं पाया है।



नवलनाथ सतगुरु मिलिया पूरा, भरम मिटाया है। पदमनाथ का मेट्या सपना, तखत रचाया है। इस काया का भेद, गुरु बिन कोई नहीं पाया है।



इस काया का भेद,गुरु बिन कोई नहीं पाया है। कोई नहीं पाया है, गुरु बिन कोई नहीं पाया है।

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