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गुरु भजन लिरिक्स guru bhajan lyrics

Darwar me satguru ke kya bhagya Paya hai,दरबार में सतगुरु के क्या भाग्य पाया है,guru bhajan

दरबार में सतगुरु के क्या भाग्य पाया है। देखे नहीं गुण अवगुण हमें अपना बनाया है।

दरबार में सतगुरु के क्या भाग्य पाया है। देखे नहीं गुण अवगुण हमें अपना बनाया है।

नहीं काम का दुनिया के बस यूं ही भटकता थाबस यूं ही भटकता था। इस नाचीज की लेकर खबर अनमोल बनाया है।देखे नहीं गुण अवगुण हमें अपना बनाया है।

दरबार में सतगुरु के क्या भाग्य पाया है। देखे नहीं गुण अवगुण हमें अपना बनाया है।

मेरी औकात कुछ भी नहीं सब तेरी कृपा ही तो है।सब तेरी कृपा ही तो है। जग में जो भी मान मिला तुमने ही दिलाया है।देखे नहीं गुण अवगुण हमें अपना बनाया है।

दरबार में सतगुरु के क्या भाग्य पाया है। देखे नहीं गुण अवगुण हमें अपना बनाया है।

दौलत तो मेरे प्यारे गुरुदेव चरण रज है। तेरे रहमत के सदके बंदे क्या से क्या हो गए देखते देखते। कल जिसके मुकद्दर में कुछ भी ना था। बादशाह हो गए देखते देखते। तेरे दरबार की जिसने तोहीन की। वह फना हो गए देखते देखते।तेरे रहमत के सदके बंदे क्या से क्या हो गए देखते देखते।

दौलत तो मेरे प्यारे गुरुदेव चरण रज है।गुरुदेव चरण रज है। सेवा चरणों की तेरी हमें धनवान बनाया है। सेवा मेंहलन की तेरी हमें धनवान बनाया है।देखे नहीं गुण अवगुण हमें अपना बनाया है।

दरबार में सतगुरु के क्या भाग्य पाया है। देखे नहीं गुण अवगुण हमें अपना बनाया है।

गोपाली का यह कहना तेरे चरणों तले रहना। जब तुम हो मेरे नाथ प्रभु तो में अनाथ क्यों होऊंगा। जब तुम हो मेरी आस हरी तो मैं निराश क्यों हूंगा। जब तुम हो मेरे धन-दौलत तो मैं निर्धन क्यों हूंगा। जब तुम हो मेरे सबल हाथ तो मैं निर्बल क्यों हूंगा ।

गोपाली का यह कहना तेरे चरणों तले रहना। जब सौंप दिया सब भार तुम्हें अब मारो या तारों हमें क्या। अब प्यारे आप विचार करो हम दीन दुखी का सहारा है क्या। मझदार में लाकर डुबो दो मुझे अब पार लगा या किनारे पर ला। हम तेरे हैं तेरे रहेंगे सदा किसी और की और निहारेगे क्या।

गोपाली का यह कहना तेरे चरणों तले रहना। एक तेरे सिवा मुझको सब ने ठुकराया है। देखे नहीं गुण अवगुण हमें अपना बनाया है।

दरबार में सतगुरु के क्या भाग्य पाया है। देखे नहीं गुण अवगुण हमें अपना बनाया है।

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