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गुरु भजन लिरिक्स guru bhajan lyrics

Satguru de do mujhko Gyan paar mohe kaise taroge,सतगुरु दे दो मुझको ज्ञान पार मोहे कैसे तारोगे,

सतगुरु दे दो मुझको ज्ञान पार मोहे कैसे तारोगे

सतगुरु दे दो मुझको ज्ञान पार मोहे कैसे तारोगे ।



कीर्तन जाऊं तो दुखे मेरे घुटने , गलियों गलियों में घुमा लो दिन रात, पार मोहे कैसे तारोगे… सतगुरु दे दो मुझको ज्ञान पार मोहे कैसे तारोगे।



भजन करूं तो दुखे मेरी जीभा , मोसे चुगली करा लो दिन रात, पार मोहे कैसे तारोगे… सतगुरु दे दो मुझको ज्ञान पार मोहे कैसे तारोगे।



दान करूं तो दुखे मेरे हाथ , पूरी हलवा खिला लो दिन रात ,पार मोहे कैसे तारोगे… सतगुरु दे दो मुझको ज्ञान पार मोहे कैसे तारोगे।



गंगा नहाऊं तो डर लागे मोहे , स्नान की कर दूं टाल, पार मोहे कैसे तारोगे… सतगुरु दे दो मुझको ज्ञान पार मोहे कैसे तारोगे।



सत्संग जाऊं तो मेरा दिल नहीं लागे। खड़ी खड़ी डुला लो दिन-रात पार मोहे कैसे तारोगे… सतगुरु दे दो मुझको ज्ञान पार मोहे कैसे तारोगे

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