सतगुरु दे दो मुझको ज्ञान पार मोहे कैसे तारोगे ।
कीर्तन जाऊं तो दुखे मेरे घुटने , गलियों गलियों में घुमा लो दिन रात, पार मोहे कैसे तारोगे… सतगुरु दे दो मुझको ज्ञान पार मोहे कैसे तारोगे।
भजन करूं तो दुखे मेरी जीभा , मोसे चुगली करा लो दिन रात, पार मोहे कैसे तारोगे… सतगुरु दे दो मुझको ज्ञान पार मोहे कैसे तारोगे।
दान करूं तो दुखे मेरे हाथ , पूरी हलवा खिला लो दिन रात ,पार मोहे कैसे तारोगे… सतगुरु दे दो मुझको ज्ञान पार मोहे कैसे तारोगे।
गंगा नहाऊं तो डर लागे मोहे , स्नान की कर दूं टाल, पार मोहे कैसे तारोगे… सतगुरु दे दो मुझको ज्ञान पार मोहे कैसे तारोगे।
सत्संग जाऊं तो मेरा दिल नहीं लागे। खड़ी खड़ी डुला लो दिन-रात पार मोहे कैसे तारोगे… सतगुरु दे दो मुझको ज्ञान पार मोहे कैसे तारोगे