गुरु मारा पारस पवन सु ही झिणा, शायर वाली दाता लहरा करे, हंसला री गुरु ग़म हंसलो ही जाने, हंस हिरा रा मोल करे हो जी,
गुरु मारा पारस पवन सु ही झिणा……..
गुरू मारा पारस पत्थर नही पूजे, पारस संग ले पत्थर तिरे, पत्थर तिरे ओ वाने प्रेमजल पावे, पारस पेल पार करे हो जी,गुरु मारा पारस पवन सु ही झिणा……..
गुरू मारा पारस बैल ने हाके, सद शब्दो वाली हाक करे, ज्ञान की डोरी ने प्रेम रीअगाडी, हलकारे ज्यूँ शाम ढरे हो जी,
गुरु मारा पारस पवन सु ही झिणा…….
गुरू मारा पारस हेत वाला हिरा, हंस मिला दाता हेत करे, हंसा रे जोडे बैठे कागला, कागा ने दाता हंस करे हो जी,
गुरु मारा पारस पवन सु ही झिणा…….
बाली ज्यूँ बरसे ने बिजली ज्यूँ चमके, झर झर झरना नीर बहे, नीर झरे वटे निपजण लागा, ^ पिया प्याला मगन फिरे हो जी,गुरु मारा पारस पवन सु ही झिणा……..
गुरु मारा शायर समंद जल सागर, महासागर में जहाज तिरे, नुगरा वे तो गलस्या ही खावे, समस्या पेले पार करे ओ जी,
गुरु मारा पारस पवन सु ही झिणा …….
निर्गुणनाथ भोलानाथ जी ने दुर्बल ऊपर दया करे, भवानीनाथ यू जश गावे, आप गुरासा ने याद करे हो जी,
गुरु मारा पारस पवन सु ही झिणा……..
गुरु मारा पारस पवन सु ही झिणा, शायर वाली दाता लहरा करे, हंसला री गुरु ग़म हंसलो ही जाने, हंस हिरा रा मोल करे हो जी,
गुरु मारा पारस पवन सु ही झिणा……..