Categories
Holi geet rajasthani geet

Kabutar khet mat bhele re,कबुतर खेत मत भेले रे,holi geet

कबुतर खेत मत भेले रे,

कबुतर खेत मत भेले रे, कबुतर खेत मत भेले रे ।तेरी पकङ पाँख उङ ज्याउ रे कबुतर, पुष्कर के मेल में।कबुतर खेत मत भेले रे।



पलंग तने हीरा स जड़ दयु, पलंग तने हीरा से जड़ दयु। म्हारो पियो बसे परदेश, पलंग तने बाहर खड्यो कर दयु।कबुतर खेत मत भेले रे, कबुतर खेत मत भेले रे ।तेरी पकङ पाँख उङ ज्याउ रे कबुतर, पुष्कर के मेल में।कबुतर खेत मत भेले रे।

मेला रे तेरो मजो घणो आयो, मेला रे तेरो मजो घणा आयो। कोई बरस्यो मूसलधार, घाघरो जांघा चढ आयोकबुतर खेत मत भेले रे, कबुतर खेत मत भेले रे ।तेरी पकङ पाँख उङ ज्याउ रे कबुतर, पुष्कर के मेल में।कबुतर खेत मत भेले रे।

बाणिया के ब्होत दुख पाई रे, बाणिया के ब्होत दुख पाई रे ।कोई रुपियो तो दीयो  उधार, रात म करे उगाही रे।कबुतर खेत मत भेले रे, कबुतर खेत मत भेले रे ।तेरी पकङ पाँख उङ ज्याउ रे कबुतर, पुष्कर के मेल में।कबुतर खेत मत भेले रे।

बामणिया के ब्होत सुख पाई रे, बामणिया के ब्होत सुख पाई रे।कोई दिन म गाया गीत, रात म धूम मचाई रे । कबुतर खेत मत भेले रे, कबुतर खेत मत भेले रे ।तेरी पकङ पाँख उङ ज्याउ रे कबुतर, पुष्कर के मेल में।कबुतर खेत मत भेले रे।

चिड़ी ए तनै चावलिया भावै, चिड़ी ए तन चावलिया भावै।म्हारो पियो बसै परदेश, रात म्हानै नींद नही आवै।कबुतर खेत मत भेले रे, कबुतर खेत मत भेले रे ।तेरी पकङ पाँख उङ ज्याउ रे कबुतर, पुष्कर के मेल में।कबुतर खेत मत भेले रे।





Leave a comment