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विविध भजन

Karmo ka likha kahi jata nahi ram teri nagri me ghata nahi,कर्मों का लिखा कहीं जाता नहीं राम तेरी नगरी में घाटा नहीं,

कर्मों का लिखा कहीं जाता नहीं। राम तेरी नगरी में घाटा नहीं

कर्मों का लिखा कहीं जाता नहीं। राम तेरी नगरी में घाटा नहीं।कर्मों का लिखा कहीं जाता नहीं। राम तेरी नगरी में घाटा नहीं।

कोई कोई खाए यहां लड्डू बर्फी पेड़े।कोई कोई खाए यहां लड्डू बर्फी पेड़े।कोई कोई खाए यहां लड्डू बर्फी पेड़े। किसी को बाजरे का आटा नहीं।राम तेरी नगरी में घाटा नहीं।कर्मों का लिखा कहीं जाता नहीं। राम तेरी नगरी में घाटा नहीं।

कोई-कोई खाए खिर दूध रबड़ी।कोई-कोई खाए खिर दूध रबड़ी।कोई-कोई खाए खिर दूध रबड़ी। किसी को सीत मिले खाटा नही।राम तेरी नगरी में घाटा नहीं।कर्मों का लिखा कहीं जाता नहीं। राम तेरी नगरी में घाटा नहीं।

कोई कोई सोए यहां सेजो पर।कोई कोई सोए यहां सेजो पर।कोई कोई सोए यहां सेजो पर।कोई कोई सोए यहां सेजो पर। किसी का बिस्तर पाटा नहींराम तेरी नगरी में घाटा नहीं।कर्मों का लिखा कहीं जाता नहीं। राम तेरी नगरी में घाटा नहीं।

कोई कोई घूमें यहां गाड़ियों मे।कोई कोई घूमें यहां गाड़ियों मे।कोई कोई घूमें यहां गाड़ियों मे।कोई कोई घूमें यहां गाड़ियों मे। किसी को मिले छकड़ा टूटा नहीं। राम तेरी नगरी में घाटा नहीं।कर्मों का लिखा कहीं जाता नहीं। राम तेरी नगरी में घाटा नहीं।

मीराबाई रटे नीत नटवर नागर।मीराबाई रटे नीत नटवर नागर।मीराबाई रटे नीत नटवर नागर।मीराबाई रटे नीत नटवर नागर। मोहन की माया का पार पाता नहीं। राम तेरी नगरी में घाटा नहीं।कर्मों का लिखा कहीं जाता नहीं। राम तेरी नगरी में घाटा नहीं।

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