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विविध भजन

Karmo ka likha kahi jata nahi ram teri nagri me ghata nahi,कर्मों का लिखा कहीं जाता नहीं राम तेरी नगरी में घाटा नहीं,

कर्मों का लिखा कहीं जाता नहीं। राम तेरी नगरी में घाटा नहीं