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विविध भजन

Beti vidh ko to yo hi vidhan Thane Jano padsi sasariye,बेटी विध को तो यो ही है विधानथाने जाणों पड़सी सासरिये,

बेटी विध को तो यो ही है विधान,
थाने जाणों पड़सी सासरिये,

बेटी विध को तो यो ही है विधान,
थाने जाणों पड़सी सासरिये,
बेटी पीहर में होवे मेहमान,
थाने जाणो पड़सी सासरिये।
बेटी पीहर में होवे जी मेहमान,
थाने जाणो पड़सी सासरिये।
थाने जाणों पड़सी, सासरिये,
बेटी पीहर में होवे जी मेहमान,
थाने जाणो पड़सी सासरिये।



पीहर थारी जनम भूमि है,
करम भूमि सासरियो,
शीश मायड़ की याद राखियो,
सोच समझ पग धरियो,
बेटी पीहर को खूब बढाईज्यो मान,
थाने जाणों पड़सी, सासरिये,
बेटी पीहर में होवे जी मेहमान,
थाने जाणो पड़सी सासरिये।



बाबुल थारा जग का राजा,
तू लाडो शहजादी,
बेटी तो पीहर में अमानत,
जग ने रीत चला दी,
थारे करमा सूं है बाबुल री शान,
थाने जाणों पड़सी, सासरिये,
बेटी पीहर में होवे जी मेहमान,
थाने जाणो पड़सी सासरिये।



बड़ा बड़ा राजा महाराजा,
बेटी राख ना पाया,
पाल पास पल्लू से बाँध के,
सासरिया भिजवाया,
रोमी जान के क्यों होवै अनजान,
थाने जाणों पड़सी, सासरिये,
बेटी पीहर में होवे जी मेहमान,
थाने जाणो पड़सी सासरिये।



थाने जाणों पड़सी सासरिए,
बेटी पीहर में होवे मेहमान,
थाने जाणो पड़सी सासरिये।
बेटी पीहर में होवै जी मेहमान,
थाने जाणो पड़सी सासरिये।
थाने जाणों पड़सी, सासरिये,
बेटी पीहर में होवे जी मेहमान,
थाने जाणो पड़सी सासरिये।

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