तर्ज,कीर्तन की है रात
थोड़ा ध्यान लगा, श्याम दौड़े दौड़े आएंगे,
थोड़ा ध्यान लगा, श्याम दौड़े दौड़े आएंगे, तुझे गले से लगाएंगे,
अखियाँ मन की खोल, तुझको दर्शन वो कराएंगे, तुझे गले से लगाएंगे,थोड़ा ध्यान लगा,
हारे का सहारा ये नीले की सवारी, है यही मेरा प्यारा है,
है तीन बाण धारी भक्तो का प्यारा, ये यही लखदातार है,
खाटू जो जाए, भाग जगाता है, उसे जीत दिलाता है,
थोड़ा ध्यान लगा,
थोड़ा ध्यान लगा, श्याम दौड़े दौड़े आएंगे,
थोड़ा ध्यान लगा, श्याम दौड़े दौड़े आएंगे, तुझे गले से लगाएंगे,
अखियाँ मन की खोल, तुझको दर्शन वो कराएंगे, तुझे गले से लगाएंगे,थोड़ा ध्यान लगा,
किरपा की छाया में बेठाएगे तुमको,, जहा तुम जाओगे,
उनकी दया दृष्टि जब जब पड़ेगी तुम ये, भव तर जाओगे,
ऐसा है विस्वाश, मन में जोत वो जगाये के, तुझे गले से लगाएंगे।
थोड़ा ध्यान लगा,
थोड़ा ध्यान लगा, श्याम दौड़े दौड़े आएंगे,
थोड़ा ध्यान लगा, श्याम दौड़े दौड़े आएंगे, तुझे गले से लगाएंगे,
अखियाँ मन की खोल, तुझको दर्शन वो कराएंगे, तुझे गले से लगाएंगे,थोड़ा ध्यान लगा,
ऋषियों मुनियों ने, गुरु शीश महिमा, का किया गुणगान है,
सांवरिया के चरणों में, झुकती शकल श्रृष्टि, झुके आसमान है,
महिमा है आपार सच की राह वो दिखाएगे, तुझे गले से लगाएंगे।
थोड़ा ध्यान लगा,
थोड़ा ध्यान लगा, श्याम दौड़े दौड़े आएंगे,
थोड़ा ध्यान लगा, श्याम दौड़े दौड़े आएंगे, तुझे गले से लगाएंगे,
अखियाँ मन की खोल, तुझको दर्शन वो कराएंगे, तुझे गले से लगाएंगे,थोड़ा ध्यान लगा,