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हनुमान (बालाजी) भजन लिरिक्स hanuman balaji bhajan lyrics

Jab jab bhi sankat ka mujhpar ghera hota hai,जब जब भी संकट का मुझ पर घेरा होता है,balaji bhajan

जब जब भी संकट का मुझ पर घेरा होता है


जब जब भी संकट का मुझ पर,
घेरा होता है,
मेरे दरवाजे पे हनुमान का,
पहरा होता है,
मेरे दरवाजे पे हनुमान का,
पहरा होता है।।

जब से आए घर में मेरे,
घर के संकट भाग गए,
हम तो सोए थे गहरी नींद में,
हनुमान जी जाग रहे,
हर गली हर कुचे इनका,
हर गली हर कुचे इनका,
बसेरा होता है,
मेरे दरवाजे पे हनुमान का,
पहरा होता है,
मेरे दरवाजे पे हनुमान का,
पहरा होता है।।

मुझसे ज्यादा चिंता करते,
ये मेरे घर बार की,
करते है रखवाली हरदम,
ये मेरे परिवार की,
जपते जपते नाम इन्ही का,
जपते जपते नाम इन्ही का,
सवेरा होता है,
मेरे दरवाजे पे हनुमान का,
पहरा होता है,
मेरे दरवाजे पे हनुमान का,
पहरा होता है।।

श्री राम का सेवक है ये,
भक्तो का रखवाला है,
इसकी महिमा बहुत बडी है,
इसका खेल निराला है,
भक्तो से भगवान का रिश्ता,
भक्तो से भगवान का रिश्ता,
गहरा होता है,
मेरे दरवाजे पे हनुमान का,
पहरा होता है,
मेरे दरवाजे पे हनुमान का,
पहरा होता है।।

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