Categories
श्याम भजन लिरिक्स

Aakhya ko kajal tharo hotha ki lali ji,आंख्या को काजल थारो, होठां री लाली जी,shyam bhajan

आंख्या को काजल थारो, होठां री लाली जी,

आंख्या को काजल थारो, होठां री लाली जी,
तो अइयाँ की लटक ना, पेल्ह्या देखी भाली जी।


मोर मुकुट की थारै, शोभा घणेरी जी,
तो केशर को टीको, नख बेशर मतवाली जी॥

आंख्या को काजल थारो, होठां री लाली जी,
तो अइयाँ की लटक ना, पेल्ह्या देखी भाली जी।


कानां में कुण्डल थारै, गल में गलपटियों जी,
तो कुण्डल के नीचे झूमै , चम-चम करती बाली जी

आंख्या को काजल थारो, होठां री लाली जी,
तो अइयाँ की लटक ना, पेल्ह्या देखी भाली जी।


हीरा और पन्‍ना जड़िया, हार जड़ाऊ जी,
तो कटि पर लटके लट, नागण जैसी काली जी॥

आंख्या को काजल थारो, होठां री लाली जी,
तो अइयाँ की लटक ना, पेल्ह्या देखी भाली जी।


दुलरी तिलरी भी झूले, बाजू बन्द पूँची जी
तो फैटो गुलनारी जाँपै झीणी झीणी जाली जी॥

आंख्या को काजल थारो, होठां री लाली जी,
तो अइयाँ की लटक ना, पेल्ह्या देखी भाली जी।


पीले पीताम्बर मांही, लहर अनूठी जी,
तो रूणक झूणक बाजै, नूपुर नखराली जी॥

आंख्या को काजल थारो, होठां री लाली जी,
तो अइयाँ की लटक ना, पेल्ह्या देखी भाली जी।


“’श्याम बहादुर!” थारा ‘शिव’ यश गावै जी
तो उजड़े दिलों का दाता, थे ही बनमाली जी॥

आंख्या को काजल थारो, होठां री लाली जी,
तो अइयाँ की लटक ना, पेल्ह्या देखी भाली जी।

Leave a comment