Categories
राम भजन लिरिक्स

Yah kanchan ka hiran nath hame lagta pyara hai,यह कंचन का हिरण, नाथ हमें लगता प्यारा है,ram bhajan

यह कंचन का हिरण, नाथ हमें लगता प्यारा है,

यह कंचन का हिरण, नाथ हमें लगता प्यारा है,


सर से पैरों तक है सोना, इसकी छाल हमें ला देना,
दीनबंधु भगवान् यही एक अरज हमारी है,
यह कंचन का हिरण नाथ हमें लगता प्यारा है

आगे हिरण, नाथ भये पीछे,
एक धनुष का बाण, राम हिरण को मारा है,
यह कंचन का हिरण नाथ हमें लगता प्यारा है।

मारा बाण लगो, हिरण को,
हाय लखन, हाय लखन, अंत में राम पुकारा है,
यह कंचन का हिरण नाथ हमें लगता प्यारा है।

बोली जानकी, सुनो देवर लक्ष्मण,
तुमरे भाई पर विपति जाय, कुछ करो सहारा है,
यह कंचन का हिरण नाथ हमें लगता प्यारा है।

बोले लक्ष्मण, सुनो भाभी सीता,
तीन लोक के नाथ, उन्हें कौन मारन वाला है,
यह कंचन का हिरण नाथ हमें लगता प्यारा है।

कटुक बचन, जब बोली जानकी,
धरी धनुहे की रेख चला रघुवंश को मारा है,
यह कंचन का हिरण नाथ हमें लगता प्यारा है।

इतने में है, आवा रावणा,
धरि भिक्षुक का भेष, सिया को लै लंक सिधारा है,
यह कंचन का हिरण नाथ हमें लगता प्यारा है।

Leave a comment