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रानीसती दादी भजन लीरिक्स

He jhunjhnu wali aata rahwa mhe jhunjhnu dham ji,हे झुंझनवाली आता रहवां म्हें झुंझुनू-धाम जी,dadi bhajan

हे झुंझनवाली आता रहवां म्हें झुंझुनू-धाम जी,,

तर्ज, गर जोर मेरो चाले

हे झुंझनवाली आता रहवां म्हें झुंझुनू-धाम जी,,
चूड़ो-चुनड़ी-मेहंदी लेकर, गांवां थारो नाम जीहे झुंझनवाली आता रहवां म्हें झुंझुनू-धाम जी।


हर घड़ी हर पल सगला मिलकर, थाने म्हें तो ध्यावां ,,
याद करां हां थाने म्हे तो, थारो ही गुण गावां,,
थारे दर्शन से हो जावे, बिगड़ेडो म्हारो काम जी,,
हे झुंझनवाली आता रहवां म्हें झुंझुनू-धाम जी।

हे झुंझनवाली आता रहवां म्हें झुंझुनू-धाम जी,,
चूड़ो-चुनड़ी-मेहंदी लेकर, गांवां थारो नाम जी।हे झुंझनवाली आता रहवां म्हें झुंझुनू-धाम जी।


मेहंदी थारे लगाकर म्हें तो, हांथां न रचावां,,
चुनड़ी थाने उढ़ाकर मैय्या, थाने खूब सजावां,,
भजनां स म्हें खूब करां हां, मैय्या थारो गुणगान जी,,
हे कुलधन्यानी आता रहवां म्हें झुंझुनू-धाम जी।

हे झुंझनवाली आता रहवां म्हें झुंझुनू-धाम जी,,
चूड़ो-चुनड़ी-मेहंदी लेकर, गांवां थारो नाम जी।हे झुंझनवाली आता रहवां म्हें झुंझुनू-धाम जी।


थारे दर पर आकर दादी, किरपा थारी पावां,,
दुखड़ा सारा मिट जावे और घर में मौज मनावां,,
थारे भगत ने भी दादी , मिल्यो है अब आराम जी।
हे झुंझनवाली आता रहवां म्हें झुंझुनू-धाम जी।

हे झुंझनवाली आता रहवां म्हें झुंझुनू-धाम जी,,
चूड़ो-चुनड़ी-मेहंदी लेकर, गांवां थारो नाम जी।हे झुंझनवाली आता रहवां म्हें झुंझुनू-धाम जी।

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