देवा हो देवा गणपति देवा
तुमसे बढ़कर कौन, स्वामी तुमसे बढ़कर कौन।
और तुम्हारे भक्तजनों में, हमसे बढ़कर कौन,स्वामी हम से बढ़कर कौन।
अदभुत रूप है काया भारी, महिमा बड़ी है दर्शन की ।
बिन मांगे पूरी हो जाये, जो भी इच्छा हो मन की।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
गणपति बाप्पा मोरया मंगल मूर्ति मोरया।
देवा हो देवा गणपति देवा
तुमसे बढ़कर कौन, स्वामी तुमसे बढ़कर कौन।
और तुम्हारे भक्तजनों में, हमसे बढ़कर कौन,स्वामी हम से बढ़कर कौन।
छोटी सी आशा लाया हु, छोटे से मन में दाता।
मांगने सब आते है पहले, सच्चा भक्त ही है पाता।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
गणपति बाप्पा मोरया मंगल मूर्ति मोरया
देवा हो देवा गणपति देवा, तुमसे बढ़कर कौन, स्वामी तुमसे बढ़कर कौन।
और तुम्हारे भक्तजनों में, हमसे बढ़कर कौन,स्वामी हम से बढ़कर कौन।
एक डाल के फूलो का भी, अलग अलग है भाग्य रहा।
दिल में रखना डर उसका मत, भूल विधाता जाग रहा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
गणपति बाप्पा मोरया मंगल मूर्ति मोरया।
देवा हो देवा गणपति देवा,तुमसे बढ़कर कौन, स्वामी तुमसे बढ़कर कौन।
और तुम्हारे भक्तजनों में, हमसे बढ़कर कौन,स्वामी हम से बढ़कर कौन।
भक्तो की इस भीड़ में भीड़ में, बगुला भगत भी मिलते है।
भेस बदलकर के भक्तो का, जो भगवान को छलते है।
गणपति बाप्पा मोरया मंगल मूर्ति मोरया।
देवा हो देवा गणपति देवा,तुमसे बढ़कर कौन, स्वामी तुमसे बढ़कर कौन।
और तुम्हारे भक्तजनों में, हमसे बढ़कर कौन,स्वामी हम से बढ़कर कौन।