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विविध भजन

Kamayile hira chahe moti,kafan me Jeb nahi hoti,कमइले हीरा चाहे मोती, कफ़न में जेब नहीं होती,

कमइले हीरा चाहे मोती, कफ़न में जेब नहीं होती,

कमइले हीरा चाहे मोती, कफ़न में जेब नहीं होती,

चाहे तू पी फिरिज को पानी, चाहे तू पी ले नल को पानी।।
प्यास सब एक सी होती, कमइले हीरा चाहे मोती।कमइले हीरा चाहे मोती, कफ़न में जेब नहीं होती,

चाहे तू खाये ले घी की रोटी, चाहे तू खाये ले सुखी रोटी
भूख सब एक सी होती , कमइले हीरा चाहे मोती ॥कमइले हीरा चाहे मोती, कफ़न में जेब नहीं होती,

चाहे तू सो जा डबल बेड पर, चाहे तू सो जा टूटी खाट पर
नींद सब एक सी होती ,कमइले हीरा चाहे मोती।कमइले हीरा चाहे मोती, कफ़न में जेब नहीं होती,

कमइले हीरा चाहे मोती कफ़न में जेब नहीं होती।

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