मुरलीधरा मनमोहना, हे नंद नंदना श्री राधेमाधवा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
हे नन्द नंदना, श्री राधे माधवा,मुरलीधरा मनमोहना, हे नंद नंदना श्री राधेमाधवा।
वह मोद न मुक्ति के मंदिर में, जो प्रमोद भरा ब्रजधाम में है ।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
इतनी छवि राशि अनंत कहाँ, जितनी छवि सुन्दर श्याम में है ।
शशि में न सरोज सुधा-रस में न लता न कला अभिराम में है ।
उतना सुख और कहीं भी नहीं जितना सुख कृष्ण के नाम में है ॥
मुरलीधरा मनमोहना, हे नंदनंदना श्री राधेमाधवा मनमोहना, हे नंद नंदना श्री राधेमाधवा।
ब्रजमण्डल का ही सितारा नहीं, जग तीतल का उजियारा है तू ।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
मनमोहकता तुझमें इतनी, सबके मनको अति प्यारा है तू ।
यह जीवन क्यों न न्योछावर, हो इस जीवन का आधार है तू ।
किस भाँति निकाले तुम्हें दिल से मनमोहन प्राण हमारा है तू ॥
मुरलीधरा मनमोहना, हे नंदनंदना श्रीराधेमाधवा मनमोहना, हे नंद नंदना श्री राधेमाधवा।
किस भाँति छुएँ अपने कर से, पद पंकज है सुकुमार तेरा ।
हरे कृष्ण बसा इन नयनन में, अति सुन्दर रूप अनूप तेरा ।
नहीं और किसी की ज़रूरत है, हमको बस चाहिए प्यार तेरा ।
तन पै मन पै धन पै सब पै, इस जीवन पै अधिकार तेरा ॥🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
मुरलीधरा मनमोहना, हे नंद नंदना श्रीराधेमाधवा मनमोहना, हे नंद नंदना श्री राधेमाधवा।
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मुरलीधरा मनमोहना, हे नंद नंदना श्री राधेमाधवा।