कर जोड़ खड़ी सीता,माला पहनाने को।
सीता के स्वयंवर में राजा थे बड़े-बड़े। जयमाल लिए सीता,पहुंची जहां राम खड़े।कर जोड़ खड़ी सीता,माला पहनाने को।
सीता की अपेक्षा में,लंबे थे रघुराइ।झुक जाओ मेरे रघुवर,माला पहनाने को।कर जोड़ खड़ी सीता,माला पहनाने को।
हम सूर्यवंशी है,मर्यादा ना तोड़ेंगे।एक नारी के आगे,हम सर ना झुकाएंगे।कर जोड़ खड़ी सीता,माला पहनाने को।
माला को ले सीता,लक्ष्मण के पास गई।समझाओ मेरे भैया,माला पहनाने को।कर जोड़ खड़ी सीता,माला पहनाने को।
भईया को में समझाऊं,मेरी एक ना मानेंगे।झुक जाऊंगा चरणों में,वो मुझको उठा लेंगे।मौका मिल जायेगा,माला पहनाने को।कर जोड़ खड़ी सीता,माला पहनाने को।