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Ulajh mat Dil baharo me baharo ka bharosa,उलझ मत दिल बहारो में, बहारो का भरोसा क्या

उलझ मत दिल बहारो में, बहारो का भरोसा क्या।

उलझ मत दिल बहारो में, बहारो का भरोसा क्या।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
सहारे छुट जाते है सहारो का भरोसा क्या।

तू संबल नाम का लेकर, किनारों से किनारा कर
किनारे टूट जाते है किनारो का भरोसा क्या।
उलझ मत दिल बहारो में, बहारो का भरोसा क्या।

पथिक तू अक्लमंदी पर, बिचारो पर ना इतराना।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
कहा कब मन बिगड़ जाये, बिचारो का भरोसा क्या।
उलझ मत दिल बहारो में बहारो का भरोसा क्या।

उलझ मत दिल बहारो में, बहारो का भरोसा क्या।
सहारे छुट जाते है सहारो का भरोसा क्या।

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