तर्ज,मेहंदी रची थारे हाथा मे
अरज म्हारी सुन आओ मां, दरस म्हाने दिखाओ मां।कर दो भगतां पे म्हेर म्हारी,मां करणी।
नित उठ थाने शीश नवावां, मनडे रोज मनावां मां। करणी करणी नाम सुमर के, करणी पांव धरावां मां।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺तलब जगी दर्शन ताई,मात सुनो अब में आई।म्हारी मन री आश पुराओ,म्हारी मां करणी।
अरज म्हारी सुन आओ मां, दरस म्हाने दिखाओ मां।कर दो भगतां पे म्हेर म्हारी,मां करणी।
राज दियो बि कैरिन मल ने,रावसीखे ने तूं टूठी। म्हासू काई भूल हुई जो, मां बालाकीया सूं रूठी।पल पल नाम पुकारां मां, इत्तरा बाट निहारा मां।अब हिवड़े दया उपावो म्हारी, मां करणी।
अरज म्हारी सुन आओ मां, दरस म्हाने दिखाओ मां।कर दो भगतां पे म्हेर म्हारी,मां करणी।