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राम भजन लिरिक्स

Saja do ghar ko gulsan sa mere sarkar aaye hai,सजा दो घर को गुलशन सा, मेरे सरकार आये हैं,ram bhajan

सजा दो घर को गुलशन सा, मेरे सरकार आये हैं,

सजा दो घर को गुलशन सा, मेरे सरकार आये हैं,मेरे सरकार आये है,

लगे कुटियाँ भी दुल्हन सी,🌺🌺🌺🌺🌺🌺
लगे कुटिया भी दुल्हन सी, मेरे सरकार आये हैं,
सजा दो घर को गुलषन सा, मेरे सरकार आये हैं,

पखारों इनकें चरणों को, बहा कर प्रेम की गंगा,
बहा कर प्रेम की गंगा, 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺बिछा दो अपनी पलकों को,मेरे सरकार आये है, सजा दो घर को गुलशन सा,मेरे सरकार आये है,

सरकार आ गए है मेरे गरीब खाने मे,
आया है दिल को सुकून उनके करीब आने में,
मुद्द्त से प्यासी अखियो को मिला आज वो सागर,🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
भटका था जिसको पाने के खातिर इस ज़माने में,🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺सजा दो घर को गुलशन सा, मेरे सरकार आये हैं,मेरे सरकार आये है,

उमड़ आई मेरी आँखें, देख कर अपने बाबा को,
देख कर अपने बाबा को,🌺🌺🌺🌺🌺🌺 हुई रौशन मेरी गालियाँ,मेरे सरकार आये है, सजा दो घर को गुलशन सा, मेरे सरकार आये हैं,

तुम आकर फिर नहीं जाना, मेरी इस सुनी दुनियाँ से,मेरी इस सुनी दुनिया से, 🌺🌺🌺कहूँ हर दम यही सब से,मेरे सरकार आये है, सजा दो घर को गुलशन सा,मेरे सरकार आये हैं,
सजा दो घर को गुलशन सा, मेरे सरकार आये हैं,🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺


मेरे सरकार आये है, लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी, मेरे सरकार आये हैं,
सजा दो घर को गुलशन सा, मेरे सरकार आये हैं ||

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