ये दिल बड़ा दीवाना कहना मानता नहीं।
अपने पराए को भी पहचानता नहीं।
सुन लेने वाले सांवले सरकार को भूला,दानी
से दयालु देव को भी जानता नहीं ।।
अपने पराये को भी,पहचानता नहीं।🌺🌺🌺🌺ये दिल बड़ा दीवाना कहना मानता नहीं।
मेरे जिगर का टुकड़ा है वो शीश का दानी,
उस मस्त नज़र वाले से मस्ती छानता नहीं ।।
अपने पराये को भी,पहचानता नहीं।🌺🌺🌺🌺ये दिल बड़ा दीवाना कहना मानता नहीं।
इंसान का चोला मिला है उसकी हो दया से,
उस दीनबंधु से मिलन की ठानता नहीं ।।
अपने पराये को भी,पहचानता नहीं।🌺🌺🌺🌺ये दिल बड़ा दीवाना कहना मानता नहीं।
भक्त तेरा ये तेरे चरणों में रहता।🌺🌺
लीलै घोड़े वाले का गुण बखानता नहीं ।।
अपने पराये को भी, पहचानता नहीं।🌺ये दिल बड़ा दीवाना कहना मानता नहीं।