है वो ही गिरधर वो ही गोपाला,वो ज्ञान गीता सीखा रहे हैं।है वो ही तुलसी के राम भक्तों,वो पापी रावण मिटा रहे हैं।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺है वो ही गिरधर वो ही गोपाला,वो ज्ञान गीता सीखा रहे हैं।
वो मत्स्य का रूप धर के भक्तों,प्रलय से श्रृष्टि को थे बचाए।वो कूर्म बनके प्रकट हुवे तो,गिरी को अपनी पीठ धराए।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 बराह बनके बचाई पृथ्वी,वो दांतों बीच में उठा रहे हैं।है वो ही गिरधर वो ही गोपाला,वो ज्ञान गीता सीखा रहे हैं।
बने वो बामन बली को अपने,वो तीजे अपने पगों को धारे।बने वो नरसिंह,प्रहलाद तारे,वो हिरण्यकश्यप,को थे सन्हारे।🌺🌺🌺🌺🌺वो परशुराम बने जो भक्तों,वो हाथों फरसा उठा रहे हैं।है वो ही गिरधर वो ही गोपाला,वो ज्ञान गीता सीखा रहे हैं।
है बुद्ध शांति अवतार धारा,अहिंसा परमो धर्म बताया।में कल्कि बनके आऊंगा फिर से,सभी को चंदन धर्म बताया।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺वो लीले चढ़के आएंगे भक्तों,हम राह पलकें बिछा रहे है।है वो ही गिरधर वो ही गोपाला,वो ज्ञान गीता सीखा रहे हैं।