मेरा व्रत ये स्वीकार कर लो, हमपर किरपा बरसा दो,जीवन में कोई दुःख ना हो कभी। ओ मैया सदा सुहागन रहें हम सभी।
अंत समय तक मेरी मांग का,रंग पड़े ना फीका। रंग पड़े ना फीका।हां सदा चमकता रहे पिया के, नाम का माथे टीका।नाम का माथे टीका।🌺🌺तेरी जोत जलाऊं मैया,शीश नवाऊं मैया,अन्न और जल को ग्रहण करे तभी।🌺🌺🌺🌺🌺ओ मैया सदा सुहागन रहें हम सभी।
अर्ध करूं और दीप जलाऊं,मांग भरूं सिंदूरी।मांग भरूं सिंदूरी।बस इतनी किरपा तूं करना,पिया से होय ना दूरी।पिया से होय ना दूरी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺दीपक जलते रहे मेरे घर पे, पी का साया हो सर पे,निर्धन रहे या रहें हम धनी।🌺🌺🌺🌺🌺ओ मैया सदा सुहागन रहें हम सभी।
करवा चौथ के व्रत की महिमा,तेरी दया से न्यारी।तेरी दया से न्यारी। हां सदा रहे सौभाग्यवती वो,जो व्रत करती नारी।जो व्रत करती नारी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺उनसे दूर ना जाए साजन,साथ निभाए साजन,जीवन में आए नहीं कोई कमी।ओ मैया सदा सुहागन रहें हम सभी।🌺
मेरे पिया के राहों में कोई, बाधा कभी ना आए।बाधा कभी ना आए।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 हां तेरी कृपा से सदा ही मैया,जग में यश वो पाए।जग में यश वो पाए।🌺🌺🌺🌺🌺🌺जैसे चंदा सितारे चमके, कलियां और फूल महके,ऐसी बना दो मेरे पी की छबि।ओ मैया सदा सुहागन रहें हम सभी।🌺