ओ लीलण म्हारी जाओ जी जाओ जी।
गढ़ खरनाले शहर, कोई गढ़ खरनाले शहर।
भाभल ने निभण देवजे,भाभल ने निभण देवजे।
ओ तेजाजी कैया जावा खाली म्हारी पीठ।🌺
कोई सुनी म्हारी पीठ, मावड़ली देशी ओलबा।
मावड़ली देशी ओलबा।
ओ लीलण म्हारी केइजे केइजे, साचोड़ा समचार।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
तू तो साचोड़ा समचार, नजरा सु देखी केवजे।
नजरा सु देखी केवजो।
ओ तेजाजी एड़ा काई लिख्या विधाता लेख।
म्हारा लिख्या विधाता लेख, तेजल सु छेती मैं तो पड़ा।तेजल सु छेती मैं तो पड़ा।🌺🌺🌺🌺🌺
ओ लीलण म्हारी राखो राखो मनडा माही धीर।
कोई हिवड़ा माही धीर, स्वर्गा में मिलसी जिवडा।स्वर्गा में मिलसी जिवडा।🌺🌺🌺
ओ तेजाजी था बिन म्हारे जीवन को नही सार।
म्हारे जीवन को नही सार, लीलण भी संग में चालसी।🌺🌺लीलण भी संग में चालसी।
ओ लीलण म्हारी मैं थारो चंदो तू म्हारी है चकोर।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
म्हारे कालजिया री कोर, मानु मैं थाने जीव री जड़ी।मानु मैं थाने जीव री जड़ी।🌺🌺
ओ लीलण म्हारी मत ना तू तो आसुडा ढलकाय।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
मत आसुडा ढलकाय, तेजल रो काँपे जीवड़ो।
तेजल रो काँपे जीवड़ो।🌺🌺🌺🌺
ओ तेजाजी किया रोकू नैणा माइलो नीर।
नैणा माइलो नीर, म्हारो भर भर आवे हिवडो।
म्हारो भर भर आवे हिवड़ो।