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krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स

Sawariya mhane kyo nahi banayo re thare vrindavan ko mor,सांवरिया म्हाने क्यों नहीं बनायो रे,थारे वृंदावन को मोर,krishna bhajan

सांवरिया म्हाने क्यों नहीं बनायो रे,थारे वृंदावन को मोर,रंगीलो गिरधारी।

तर्ज, ओ राधा म्हाने सांची बता दे

सांवरिया म्हाने क्यों नहीं बनायो रे,थारे वृंदावन को मोर,रंगीलो गिरधारी।

ब्रज में रहूं तो व्रज फल खाती।कान्हा कान्हा रोज में गाती।२।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹थारे नाम पे में इतराती, उडती पंख मरोड।सांवरिया म्हाने क्यों नहीं बनायो रे,थारे वृंदावन को मोर,रंगीलो गिरधारी।

मात यशोदा म्हाने,चुगो रे चुगाती,नंद जी री पोलयां में सो जाती।२।🌹🌹🌹🌹🌹🌹घुमड़ घुमड़ जब आती बादली,बरसे घटा घनघोर।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹सांवरिया म्हाने क्यों नहीं बनायो रे,थारे वृंदावन को मोर,रंगीलो गिरधारी।

पांख गिरयां म्हारी मोहन उठातो,टांक मुकुट में रोज सजातो।२।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹दादुर मोर पपिहा बोली,सुनती कोयल किल्लोल।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹सांवरिया म्हाने क्यों नहीं बनायो रे,थारे वृंदावन को मोर,रंगीलो गिरधारी।

मीरा का प्रभु गिरधर नागर,हंस हंस करे ठिठौरी।२।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹बोले मोरनी तेरी पांख को, जनम जनम में चोर।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹सांवरिया म्हाने क्यों नहीं बनायो रे,थारे वृंदावन को मोर,रंगीलो गिरधारी।

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