तर्ज,बहुत प्यार करते हैं तुमसे सनम
बैठ दो घड़ी करले,प्रभु का भजन।बंधनों से बच ले,कर ले जतन।बैठ दो घड़ी करले,प्रभु का भजन।
रचा जिसने सुंदर यह संसार सारा। जगत में उसी का है उपकारा।२।🌺🌺🌺🌺🌺🌺गीत गा उसी के तूं,होकर मगन।बैठ दो घड़ी करले,प्रभु का भजन।🌺🌺🌺🌺🌺🌺बंधनों से बच ले,कर ले जतन।बैठ दो घड़ी करले,प्रभु का भजन।
दया से है उसकी मनुष देह पाई।तेरे भोग की है सारी,चीजें बनाई।२।🌺🌺🌺🌺🌺किया कितना उपकार, जरा कर मनन।बैठ दो घड़ी करले,प्रभु का भजन।🌺🌺🌺🌺बंधनों से बच ले,कर ले जतन।बैठ दो घड़ी करले,प्रभु का भजन।
तृष्णा न होगी,कभी मनकी पूरी।करो लाख कोशिश,रहती अधूरी।२।🌺🌺🌺🌺🌺संतोष सम ना,कोई और धन।बैठ दो घड़ी करले,प्रभु का भजन।🌺🌺🌺🌺🌺🌺बंधनों से बच ले,कर ले जतन।बैठ दो घड़ी करले,प्रभु का भजन।
अगर चाहता है,तूं उद्धार अपना।बना ले प्रभु को ही,आधार अपना।२।🌺🌺🌺🌺मधुर जिंदगी में,खिलेंगे सुमन।बैठ दो घड़ी करले,प्रभु का भजन।🌺🌺🌺🌺🌺🌺बंधनों से बच ले,कर ले जतन।बैठ दो घड़ी करले,प्रभु का भजन।