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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Tujh me om mujh me om sab me om,तुझमे ओम मुझमें ओम सब में ओम समाया,nirgun bhajan

तुझमे ओम मुझमें ओम सब में ओम समाया।

तुझमे ओम मुझमें ओम सब में ओम समाया।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
करलो सबसे प्यार जगत में, कोई नहीँ पराया।

जितने भी संसार में प्राणी ,सबमें एक ही ज्योति।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
एक बाग के फुल है सारे, इक माला के मोती।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
निराकार उस जगदीश्वरने ,इक मिट्टी से बनाया।करलो सबसे प्यार जगत में, कोई नहीँ पराया।

एक बाप के बेटे है सब, एक हमारी माता
दाना पानी देनेवाला, एक हमारा दाता।
मनभावन की इस दुनियामे ,जीना हमे सिखाया।करलो सबसे प्यार जगत में, कोई नहीँ पराया।

ऊँचनीच और जात पात की, दिवारों को तोड़ो।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
बदला जमाना तुमभी बदलो, बुरी आदतें छोडो।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
जागो और जगाओ सबको ,समय है ऐसा आया।करलो सबसे प्यार जगत में, कोई नहीँ पराया।

कर लो सबसे प्यार जगत में, कोई नहीँ पराया।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
तुझमे ओम मुझमें ओम, सब में ओम समाया।

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