तर्ज,जय श्री बालाजी महाराज,अनोखी थारी झांकी
ओ खाटू के बाबा श्याम, तू लीले चढ़ कर आजा।तू लीले चढ़ कर आजा, भक्तां रा कष्ट मिटा जा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺ओ खाटू के बाबा श्याम, तू लीले चढ़ कर आजा।
हो जा मन का पूर्ण काम, तू लीले चढ़ कर आजा। ओ खाटू के बाबा श्याम तू लीले चढ़ कर आजा।
नैया है बीच भंवर में,भारी अथाव है जलमें।
नैया हो रही डावा डोल, केवट बन पार लगा जा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
ओ खाटू के बाबा श्याम तू लीले चढ़ कर आजा।
मैं गयो ना दूजे द्वारा, जो दिखे मोहे सहारा।
बाबा थारो ही आधार, तू आके कष्ट मिटा जा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
ओ खाटू के बाबा श्याम तू लीले चढ़ कर आजा।
आलूसिंह जी कहे पियारा, दयो हुकुम होय निस्तारा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
घनश्याम को तू ही श्याम, तू लीले चढ़ कर आजा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
ओ खाटू के बाबा श्याम, तू लीले चढ़ कर आजा।