तर्ज,मेरे बालाजी महाराज तेरा जग में डंका
हुवा जनम अष्टमी रात,हां रात,छठी आज मनाएं कान्हा की।
घर घर लड्डू बांट रहे हैं अपने लाल के होने पर।खुशियों का आज नहीं है ठिकाना, छठी लाल की होने पर।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺देवे नंद बधाई आज, छठी आज लालकी होने पर।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺हुवा जनम अष्टमी रात,हां रात,छठी आज मनाएं कान्हा की।
शंकर जी भी देखने आए विष्णु के अवतार को।लाल यशोदा लेकर आई शंकर के दातार को।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺गोदी में उठा लिया लाल, हां लाल,छठी आज मनाएं कान्हा की।हुवा जनम अष्टमी रात,हां रात,छठी आज मनाएं कान्हा की।
उत्सव का माहौल है छाया, नंद गांव के हर घर में।लाल यशोदा ने है पाया,नंद घर के आंगन में।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺मेला सा लगा है आज, हां आज,छठी आज मनाएं कान्हा की।हुवा जनम अष्टमी रात,हां रात,छठी आज मनाएं कान्हा की।
हुवा जनम अष्टमी रात,हां रात,छठी आज मनाएं कान्हा की।