तर्ज,आज म्हारे आंगणिये में,गोरी पुत्तर आया जी
छोटा सा कन्हैया देखो, यशोदा घर में डोले रे।छोटा सा कन्हैया देखो,आंगन में डोले रे।पांवों में पैजनिया देखो,रुनझुन रुनझुन बोले रे।छोटा सा कन्हैया।
दूध शहद से नहलाकर के,पीतांबर है पहनाया। लाड़ चाव से कान्हा जी,खूब है आज सजाया।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺नंद ने आज कढ़ी और चावल,का भोजन बनवाया।चांदी के पलने में लाला,खाय रहा हिचकोले रे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺पांवों में पैजनिया देखो,रुनझुन रुनझुन बोले रे।छोटा सा कन्हैया देखो यशोदा घर में डोले रे।
धन्य हुई वृज धरा प्रभु यहां,ले अवतार पधारे।सारे बिरज में धूम मची है,चलो नंद के द्वारे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺माखन मिसरी दही राबड़ी,खायेंगे मिल के सारे।देखा चंचल कान्हा भी,मुस्काए होले होले रे।।पांवों में पैजनिया देखो,रुनझुन रुनझुन बोले रे।छोटा सा कन्हैया देखो यशोदा घर में डोले रे।
नामकरण हो गया लाल का, नाम पड़ा है कान्हा।देख सांवरी भोली सूरत, सारा ब्रिज दीवाना।आज खुशी में नंद जी बांटे, अन धन माल खजाना।भक्तों आज तुम भी आओ,चरण प्रभु के धो लो रे।।पांवों में पैजनिया देखो,रुनझुन रुनझुन बोले रे।छोटा सा कन्हैया देखो यशोदा घर में डोले रे।