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krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स

Krishna bhajan,kab se dhara sisakti, कब से धरा सिसकती

कब से धरा सिसकती कान्हा,तुझे रही है पुकार।

कब से धरा सिसकती कान्हा,तुझे रही है पुकार।अब तो ले लो रे अवतार कान्हा,ले लो रे अवतार।

आकर बोझ उतारो मेरा, ओ मेरे आधार।अब तो ले लो रे अवतार कान्हा,ले लो रे अवतार।

पाप बढ़ा है धर्म घटा है,घटती जाय उमरिया।२।दिन दुखी लाचार की अब ना,लेता कोई खबरिया।🌹🌹🌹🌹🌹सभी व्यवस्थित करो प्रभु अब,व्यथित बहुत संसार।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹अब तो ले लो रे अवतार कान्हा,ले लो रे अवतार।

सभी जगह घुस गई मिलावट,रिश्तों में आहट है। धूमिल हुवे हैं रिश्ते सारे,आई कड़वाहट है।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹सभी मिलावट में डूबे तेरे,दूध दही आहार।अब तो ले लो रे अवतार कान्हा,ले लो रे अवतार।

पहले भी रक्षा करते और, झोली भरते आए।जब जब कोई तुम्हे पुकारे,नंगे पांव पठाये।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹मेरी प्रार्थना भी करुणाकर,सुन लो कृष्ण मुरार।अब तो ले लो रे अवतार कान्हा,ले लो रे अवतार।

कब से धरा सिसकती कान्हा,तुझे रही है पुकार।अब तो ले लो रे अवतार कान्हा,ले लो रे अवतार।

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